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पूर्णिया में 26 दिसंबर को ‘भूमि सुधार जन कल्याण संवाद’, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा सुनेंगे आमजनों की समस्याएं

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पूर्णिया।राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़ी सेवाओं को आमलोगों तक समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पहुंचाने की दिशा में राज्य सरकार एक अहम पहल करने जा रही है। इसी क्रम में 26 दिसंबर 2025 को पूर्णिया में ‘भूमि सुधार जन कल्याण संवाद’ का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री सह मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, श्री विजय कुमार सिन्हा करेंगे।
यह जनसंवाद कार्यक्रम प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी, पूर्णिया में आयोजित होगा। पहली पाली में पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 2:30 बजे तक आम नागरिकों से सीधे संवाद किया जाएगा। इस दौरान दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी सहित राजस्व विभाग की सभी ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों को सुना जाएगा।
कार्यक्रम की खास बात यह होगी कि अंचलाधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी शिकायतकर्ता के समक्ष बैठकर उनकी समस्याओं पर चर्चा करेंगे और मौके पर समाधान की दिशा में पहल की जाएगी। इस सत्र में राजस्व विभाग के सभी संबंधित पदाधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी रहेगी।
शिकायत दर्ज कराने के लिए आम लोगों का अंचलवार पंजीकरण सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक किया जाएगा। आवेदन में नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से अंकित करने की अपील की गई है, ताकि की गई कार्रवाई की जानकारी आवेदकों को संदेश के माध्यम से दी जा सके।
दूसरी पाली में अपराह्न 3:30 बजे से 5:00 बजे तक पूर्णिया समाहरणालय स्थित महानंदा सभागार में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में अपर समाहर्ता, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, बंदोबस्त पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी शामिल होंगे।
समीक्षा बैठक में दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, ई-मापी सहित सभी ऑनलाइन सेवाओं की प्रगति की आंकड़ों के साथ समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा अभियान बसेरा-2 की स्थिति पर भी विशेष रूप से चर्चा की जाएगी।
भूमि सुधार जन कल्याण संवाद के माध्यम से उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का उद्देश्य है कि राजस्व सेवाएं समय सीमा के भीतर आम लोगों को उपलब्ध हों, जिससे भूमि अभिलेख अद्यतन हों और भूमि विवादों में उल्लेखनीय कमी आए। इससे प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, संवेदनशील और जवाबदेह बनाने में मदद मिलेगी।

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