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बख्तियारपुर जंक्शन का नाम बदलने की मांग ने पकड़ा जोर, ‘मगध द्वार’ के समर्थन में परिवर्तन संदेश यात्रा

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नालंदा।बख्तियारपुर रेलवे जंक्शन का नाम बदलकर ‘मगध द्वार’ किए जाने की मांग अब संगठित आंदोलन का रूप लेती नजर आ रही है। इसी कड़ी में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भारतीय जनता पार्टी के संयुक्त तत्वावधान में बिहारशरीफ से परिवर्तन संदेश यात्रा निकाली गई। वाहनों के काफिले के साथ निकली इस यात्रा के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार तक नाम परिवर्तन की मांग पहुंचाने का प्रयास किया गया।
यात्रा में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था कि बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भूमि पर स्थित एक प्रमुख रेलवे जंक्शन का नाम आज भी बख्तियार खिलजी जैसे आक्रांता के नाम पर होना जनभावनाओं के अनुरूप नहीं है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि बख्तियार खिलजी वही शासक था, जिसने नालंदा जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालय को नष्ट कर प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा को भारी क्षति पहुंचाई।
कार्यक्रम के दौरान नेताओं ने कहा कि नालंदा की धरती पर रहकर, यहीं का अन्न-जल ग्रहण करने के बावजूद नालंदा विश्वविद्यालय को जलाने की घटना भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है। उनका कहना था कि ऐसे व्यक्ति का नाम किसी सार्वजनिक संस्थान से जुड़ा रहना आने वाली पीढ़ियों को गलत संदेश देता है।
परिवर्तन संदेश यात्रा का उद्देश्य आम लोगों को ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराना और जनसमर्थन जुटाना बताया गया। वक्ताओं ने कहा कि ‘मगध द्वार’ नाम प्राचीन मगध सभ्यता, नालंदा-राजगीर की ज्ञान परंपरा, सम्राटों की धरती और बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक होगा।
आयोजकों ने स्पष्ट किया कि यह अभियान किसी समुदाय या वर्ग के खिलाफ नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान, ऐतिहासिक चेतना और स्वाभिमान की रक्षा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए बख्तियारपुर जंक्शन का नाम शीघ्र बदलकर ‘मगध द्वार’ किया जाए।
गौरतलब है कि बख्तियारपुर जंक्शन (स्टेशन कोड: BKP) पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर मंडल के अंतर्गत आता है। यह स्टेशन पटना जिले के बख्तियारपुर शहर में स्थित है और राजधानी पटना से लगभग 46 किलोमीटर दूर है। पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन–पटना मार्ग के जरिए यह दिल्ली–कोलकाता मुख्य रेल लाइन से जुड़ा हुआ है। हावड़ा, सियालदह और पटना की ओर से चलने वाली कई प्रमुख एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें यहां रुकती हैं, जिससे इसका रणनीतिक और यातायात महत्व काफी अधिक है।

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