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मुजफ्फरपुर में कानून पर हमला, मछली विवाद सुलझाने पहुंचे दारोगा पर सरपंच समर्थकों की हिंसा
- Reporter 12
- 27 Dec, 2025
मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कानून व्यवस्था को चुनौती देने का गंभीर मामला सामने आया है। कटरा थाना क्षेत्र में एक मामूली मछली पकड़ने के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जहां विवाद शांत कराने पहुंचे पुलिस अधिकारी पर ही हमला कर दिया गया।
विवाद सुलझाने पहुंचे दारोगा को बनाया निशाना
घटना में कटरा थाना में तैनात सब-इंस्पेक्टर श्रीकांत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि वे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, तभी एक पक्ष उग्र हो गया और दारोगा के साथ मारपीट शुरू कर दी।
एसकेएमसीएच में चल रहा इलाज
हमले में घायल दारोगा को तत्काल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
पोखर के टेंडर से जुड़ा है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार कटरा प्रखंड के बसंत गांव स्थित एक पोखर के मछली टेंडर को लेकर विवाद चल रहा था। वर्तमान में यह टेंडर बुधकारा गांव निवासी जितेंद्र सहनी के नाम है, जबकि इससे पहले यह पंचायत के मौजूदा सरपंच फहद आजम के पास था।
टेंडर खत्म होने के बाद भी मछली पकड़ने से रोकने का आरोप
आरोप है कि टेंडर अवधि समाप्त होने के बावजूद सरपंच और उनके समर्थक नए टेंडरधारक को पोखर में मछली पकड़ने नहीं दे रहे थे। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा और मामला पुलिस तक पहुंचा।
पुलिस पर हमला, इलाके में मचा हड़कंप
जब पुलिस विवाद निपटाने पहुंची तो आरोपियों ने कानून को हाथ में लेते हुए दारोगा पर हमला कर दिया। घटना के बाद गांव में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
एफआईआर दर्ज, आरोपियों की तलाश जारी
घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लिया गया। एसएसपी सुशील कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर ली गई है, सरपंच सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।
कानून से ऊपर कोई नहीं
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि पंचायत स्तर पर दबंगई किस हद तक कानून को चुनौती दे रही है। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।
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