:
Breaking News

ट्रंप का परमाणु धमाका: 33 साल बाद अमेरिका करेगा फिर से परमाणु परीक्षण, दुनिया में मचा हड़कंप!

top-news
https://maannews.acnoo.com/public/frontend/img/header-adds/adds.jpg

वॉशिंगटन:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए 33 साल बाद परमाणु परीक्षण की मंजूरी दे दी है। ट्रंप के इस फैसले से वैश्विक राजनीति में भूचाल आ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ा सकता है बल्कि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) की आत्मा पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

ट्रंप का ऐलान: “अमेरिका अब पीछे नहीं रहेगा”

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा 
जब रूस और चीन खुलेआम परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, तो अमेरिका क्यों पीछे रहे? मैंने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर को आदेश दिया है कि तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू किए जाएं।”यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने ठीक एक दिन पहले दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। विश्लेषकों का मानना है कि इस नाजुक कूटनीतिक समय पर लिया गया यह फैसला दुनिया को एक नई परमाणु दौड़ की ओर धकेल सकता है।

33 साल बाद फिर गूंजेगा नेवादा

अमेरिका ने आखिरी बार 23 सितंबर 1992 को नेवादा में परमाणु परीक्षण किया था। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच.डब्ल्यू. बुश ने भूमिगत परीक्षणों पर रोक लगा दी थी।अब तीन दशक बाद ट्रंप ने यह निर्णय लेकर एक बार फिर ‘न्यूक्लियर पॉलिटिक्स’ को जिंदा कर दिया है।

पुतिन और शी को सीधी चुनौती

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) यार्स और सिनेवा मिसाइल का परीक्षण किया था। रूसी वायुसेना ने TU-95 बमवर्षक विमान से लंबी दूरी की क्रूज़ मिसाइलें भी दागीं।
ट्रंप ने इन पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी पुतिन को मिसाइलों का खेल खेलने के बजाय युद्ध खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए।अब खुद ट्रंप के आदेश से अमेरिका भी उसी दौड़ में शामिल हो गया है — और वैश्विक कूटनीति में हलचल मच गई है।

IAEA और अमेरिकी नेताओं की चेतावनी

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने दोबारा परीक्षण शुरू किया तो यह हथियारों की नई होड़ को जन्म देगा।
अमेरिकी सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने ट्रंप पर हमला बोलते हुए कहा —

ट्रंप परमाणु हथियारों को खिलौना बना रहे हैं। यह कदम पूरी मानवता के लिए खतरा है।”

विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम रूस और चीन के बढ़ते परमाणु प्रभाव के जवाब में है। लेकिन इसका नतीजा यह हो सकता है कि दुनिया फिर से सर्द युद्ध (Cold War) के साए में लौट जाए।

निष्कर्ष:
ट्रंप के इस फैसले ने अमेरिका को तो नई दिशा दे दी है,
लेकिन बाकी दुनिया के लिए यह एक नई परमाणु चिंता लेकर आया है।
अब सवाल सिर्फ इतना है — क्या यह फैसला अमेरिका को मजबूत बनाएगा या पूरी दुनिया को असुरक्षित?

https://maannews.acnoo.com/public/frontend/img/header-adds/adds.jpg

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *