Breaking News
क्रिसमस–न्यू ईयर के जश्न में डूबा पटना, चर्चों से लेकर इको पार्क तक रौनक और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
2026 में ऐपल का मेगा प्लान: 50वें साल में आएंगे 20+ नए प्रोडक्ट, फोल्डेबल iPhone से Apple Glasses तक
: आधार के नए नियम: सुविधा या निगरानी?
- Reporter 12
- 21 Dec, 2025
फेस ऑथेंटिकेशन को मंजूरी, डिजिटल सिस्टम में बड़ा बदलाव
केंद्र सरकार ने आधार से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए डिजिटल पहचान प्रणाली को नई दिशा देने का फैसला किया है। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन कानून के तहत अब फेस ऑथेंटिकेशन और उद्देश्य-सीमित (पर्पस लिमिटेशन) इस्तेमाल को अनुमति दे दी गई है। इस फैसले के बाद न सिर्फ तकनीकी हलकों में चर्चा तेज है, बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी सवाल उठने लगे हैं।
सरकार का कहना है कि इन बदलावों से नागरिकों की निजता सुरक्षित रहेगी और डिजिटल गवर्नेंस पहले से ज्यादा मजबूत होगी। वहीं विपक्ष इसे तकनीक के ज़रिए निगरानी बढ़ाने की कोशिश बता रहा है।
आधार अब सिर्फ सरकारी नहीं
नए नियमों के लागू होते ही आधार की पहुंच केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगी। अब निजी कंपनियां भी कानूनी दायरे में आधार आधारित सेवाओं का इस्तेमाल कर सकेंगी। बताया जा रहा है कि UIDAI जल्द ही एक नए डिजाइन वाले आधार ऐप के जरिए इन सुविधाओं को लॉन्च करेगा। सरकार का दावा है कि इससे आम लोगों के रोजमर्रा के काम पहले से ज्यादा आसान होंगे।
चेहरे से होगी पहचान
सबसे बड़ा बदलाव आधार वेरिफिकेशन के तरीके में किया गया है। अब उंगलियों के निशान या आंखों की पहचान संभव न होने की स्थिति में चेहरे के जरिए पहचान की जा सकेगी। फेस ऑथेंटिकेशन से आधार धारक की वास्तविक मौजूदगी दर्ज होगी, जिसे कई सेवाओं में अहम माना जा रहा है।
इवेंट्स और सुरक्षा पर असर
नए नियमों का असर टिकट आधारित आयोजनों और बड़े इवेंट्स में भी देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि इससे फर्जी एंट्री रोकने और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने में मदद मिलेगी।
डेटा पर कंट्रोल रहेगा यूज़र के हाथ
सरकार के मुताबिक, नए सिस्टम में आधार धारक को यह अधिकार मिलेगा कि वह अपनी कौन-सी जानकारी साझा करना चाहता है। फोटो, उम्र और अन्य विवरण यूज़र की सहमति से ही उपयोग में लाए जा सकेंगे। सब कुछ सहमति आधारित होने का दावा किया जा रहा है।
सवाल वही पुराना
सरकार इस बदलाव को डाटा सुरक्षा और सुविधा की दिशा में बड़ा कदम बता रही है, लेकिन सियासी गलियारों में बहस जारी है—
क्या यह डिजिटल आज़ादी को मजबूत करेगा, या तकनीक के सहारे निगरानी का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है?
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *







