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‘एक देश–एक रेलवे’ की ओर बड़ा कदम
- Reporter 12
- 21 Dec, 2025
सभी रेलकर्मियों के लिए एक जैसाडिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य
भारतीय रेलवे अपनी कार्यप्रणाली को एकरूप और डिजिटल बनाने की दिशा में एक और अहम पहल करने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने देशभर के सभी रेल अधिकारियों, नियमित कर्मचारियों और ठेका कर्मियों के लिए समान डिजाइन वाला यूनिफॉर्म पहचान पत्र लागू करने का फैसला लिया है। यह कदम ‘एक देश, एक रेलवे, एक पहचान’ की अवधारणा को ज़मीन पर उतारने की तैयारी माना जा रहा है।
नए पहचान पत्र में 12 अंकों का यूनिक आइडेंटिटी कोड (UIC) दिया जाएगा, जो हर कर्मचारी की डिजिटल प्रोफाइल से जुड़ा रहेगा। इस कोड के जरिए कर्मचारी की पहचान, तैनाती और विभागीय जानकारी को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
नंबर ही बताएगा पूरी पहचान
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, UIC का हर हिस्सा एक तय जानकारी दर्शाएगा। शुरुआती दो अंक उस वर्ष को बताएंगे, जिस साल पहचान पत्र जारी हुआ है। इसके बाद के दो अंक संबंधित रेलवे जोन या यूनिट को चिन्हित करेंगे। अगले दो अंक कर्मचारी के डिवीजन, वर्कशॉप या मुख्यालय की पहचान कराएंगे, जबकि अंतिम छह अंक कर्मचारी का व्यक्तिगत क्रमांक होंगे।
इस व्यवस्था से केवल कोड देखकर ही यह समझा जा सकेगा कि कर्मचारी किस जोन, किस डिवीजन और किस यूनिट में कार्यरत है।
अब नहीं होगी पहचान में अलग-अलग पहचान
फिलहाल अलग-अलग रेलवे जोन अपने हिसाब से रंग, साइज और डिजाइन के पहचान पत्र जारी करते हैं, जिससे एकरूपता नहीं रहती थी। नई व्यवस्था के तहत पूरे देश में एक ही डिजाइन और तय रंगों में आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी के अनुसार, नियमित रेलकर्मियों के पहचान पत्र पीले रंग के होंगे, जबकि ठेका कर्मचारियों को नारंगी रंग का कार्ड दिया जाएगा। कार्ड का आकार भी मानकीकृत रहेगा।
क्यूआर कोड से मिलेगी पूरी जानकारी
हर पहचान पत्र के पीछे क्यूआर कोड होगा। इसे स्कैन करते ही कर्मचारी का नाम, पद, विभाग, तैनाती स्थल और कार्य विवरण जैसी जानकारी डिजिटल रूप में सामने आ जाएगी। इससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और प्रशासन के लिए कर्मचारियों का रिकॉर्ड रखना भी आसान होगा।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस नई पहल से न सिर्फ कर्मचारियों की पहचान और सुरक्षा बेहतर होगी, बल्कि भविष्य में इस पहचान पत्र को रेलवे की अन्य डिजिटल सेवाओं से भी जोड़ा जा सकेगा। यह कदम भारतीय रेलवे को पूरी तरह स्मार्ट और तकनीक-आधारित सिस्टम की ओर ले जाने वाला माना जा रहा है।
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