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आदिवासी शिक्षा को मिलेगा नया संबल, बिहार के छह जिलों में बनेंगे 15 आधुनिक आवासीय छात्रावास
- Reporter 12
- 21 Dec, 2025
पटना।बिहार में आदिवासी बच्चों की शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में एक अहम पहल की तैयारी है। राज्य के छह जिलों—कैमूर, किशनगंज, कटिहार, मधेपुरा, भागलपुर और पूर्णिया—में आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए 15 नए आवासीय छात्रावास स्थापित किए जाने की योजना बनाई गई है। यह परियोजना पीएम जनमन योजना के तहत लागू होगी, जिसका मकसद दूरदराज इलाकों में रहने वाले आदिवासी बच्चों को सुरक्षित माहौल में पढ़ाई का बेहतर अवसर देना है।
इन छात्रावासों में 15 से 18 वर्ष की आयु के आदिवासी विद्यार्थियों को आवास के साथ-साथ पौष्टिक भोजन की सुविधा मिलेगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे बच्चों की नियमित पढ़ाई, स्वास्थ्य और समग्र विकास को नई दिशा मिलेगी। फिलहाल योजना से जुड़ा प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और इसे लोकवित्त समिति की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। हरी झंडी मिलने के बाद कैबिनेट की मंजूरी के साथ निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रत्येक छात्रावास पर लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यदि सभी औपचारिकताएं समय पर पूरी हो जाती हैं, तो निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2026-27 से शुरू होने की संभावना है। जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी।इन छात्रावासों का लाभ राज्य की विभिन्न आदिवासी जनजातियों—असुर, विरहोर, विरजिया, हिलखारिया, मालपहाड़िया, सौर्यापहाड़िया, महेंद्र पहाड़िया और सवर—के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। यहां केवल रहने की व्यवस्था ही नहीं, बल्कि पढ़ाई से जुड़ी सहायक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
पीएम जनमन योजना केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल है, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। इस योजना का दायरा सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तहत स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छता, बिजली, कौशल विकास और डिजिटल संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है। जरूरत के अनुसार छात्रों को शिक्षण सामग्री, कोचिंग और डिजिटल उपकरण उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा सकती है।
सरकार का लक्ष्य है कि इस पहल के जरिए आदिवासी बच्चों की शैक्षिक साक्षरता बढ़े, पढ़ाई में उनकी निरंतरता बनी रहे और वे आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा से जुड़
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