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गया में मंच से मांझी का बेबाक बयान, ‘कमीशन’ वाली बात पर गरमाई सियासत
- Reporter 12
- 22 Dec, 2025
गया: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के चुनाव चिन्ह पर जीत दर्ज करने वाले विधायकों के सम्मान में गया के हरिदास सेमिनरी हाई स्कूल में आयोजित समारोह उस वक्त सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया, जब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने खुले मंच से ऐसा बयान दे दिया, जिसने राजनीतिक भूचाल के संकेत दे दिए।
रविवार को हुए इस कार्यक्रम में मांझी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कमीशन को लेकर बेझिझक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राजनीति में संसाधनों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता और संगठन को मजबूत करने के लिए धन की जरूरत पड़ती है।
“पार्टी मजबूत करनी है तो साधन जुटाने होंगे”
मांझी ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा कि जनप्रतिनिधि अलग-अलग तरीकों से संसाधन जुटाते हैं। इशारों-इशारों में उन्होंने कहा कि अगर ज्यादा नहीं तो कम हिस्सेदारी पर भी काम किया जा सकता है, बशर्ते उसका उपयोग पार्टी और संगठन को मजबूत करने में हो। उनका यह बयान सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई।
कार्यक्रम में मौजूद उनके बेटे और ‘हम’ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन को भी मांझी ने मंच से ही नसीहत दी। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को अब और आक्रामक रुख अपनाने की जरूरत है और संगठन विस्तार के लिए ठोस फैसले लेने होंगे।
सीटों को लेकर भी दिखाई सख्ती
मांझी ने आगामी चुनावों को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को अगली बार बड़ी संख्या में सीटें मिलनी चाहिए और इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी होगी। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि पार्टी को अपेक्षित सम्मान और हिस्सेदारी नहीं मिली, तो भविष्य में अलग राह अपनाने का विकल्प भी खुला रखा जाएगा।
उन्होंने एनडीए के भीतर पार्टी के साथ हुए व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘हम’ को हल्के में लेना सही नहीं होगा। यह बात पार्टी नेतृत्व को मजबूती से रखने का निर्देश भी उन्होंने दिया।
बयान के सियासी मायने
मांझी के इस खुले और बेबाक बयान के बाद राजनीतिक हलकों में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया तय मानी जा रही है। एक ओर जहां समर्थक इसे उनकी स्पष्टवादिता बता रहे हैं, वहीं विरोधी इसे गंभीर मुद्दा बनाकर घेरने की तैयारी में जुट सकते हैं।
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