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बीएमसी चुनाव में 20 साल बाद साथ आए ठाकरे बंधु, शिवसेना (यूबीटी)-मनसे का साझा दांव
- Reporter 12
- 24 Dec, 2025
मुंबई।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम मोड़ आते हुए ठाकरे परिवार एक बार फिर एक मंच पर नजर आया है। करीब दो दशक बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। दोनों दल—शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना—आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगे। इसकी औपचारिक घोषणा बुधवार को मुंबई में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता के जरिए की गई।
गठबंधन की घोषणा से पहले उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे अपने-अपने परिवार के सदस्यों के साथ शिवाजी पार्क स्थित बालासाहेब ठाकरे स्मारक पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद दोनों नेताओं ने एकजुट होकर राजनीतिक मंच से अपनी मंशा स्पष्ट की।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह एकजुटता किसी सत्ता गणित से ज्यादा महाराष्ट्र और मुंबई के हितों को ध्यान में रखकर की गई है। उन्होंने कहा कि मराठी समाज को एकजुट रहने की जरूरत है और आपसी मतभेदों का लाभ किसी और को नहीं मिलना चाहिए। उद्धव ने कहा कि यदि महाराष्ट्र या मुंबई के हितों पर किसी तरह की आंच आई, तो उसका राजनीतिक जवाब दिया जाएगा।
राज ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी राजनीतिक दल से बड़ा महाराष्ट्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीटों या आंकड़ों को लेकर फैसला समय आने पर लिया जाएगा। राज ठाकरे ने कहा कि लंबे समय से महाराष्ट्र की जनता जिस राजनीतिक समीकरण की उम्मीद कर रही थी, वह अब सामने आया है।
गठबंधन को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इसे मराठी अस्मिता से जुड़ा फैसला बताते हुए कहा कि दोनों भाईयों के अलग रहने से राज्य की राजनीति को नुकसान हुआ, अब यह फैसला उस कमी को पूरा करेगा।
वहीं महाविकास अघाड़ी को लेकर पूछे गए सवालों पर उद्धव ठाकरे ने संकेतों में कहा कि राजनीतिक हालात लगातार बदल रहे हैं और आगे की तस्वीर समय के साथ साफ होगी।
इस राजनीतिक घटनाक्रम को महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब बीएमसी चुनाव को राज्य की सियासत का सेमीफाइनल माना जाता है।
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